विश्व कप से पहले हो रहे अभ्यास मैचों में , भारत को साउथ अफ्रीका से हार का सामना करना पड़ा|
महज ३ रन से यह मैच साउथ अफ्रीका ने अपनी झोली में डाल लिया, और एक बार भारत को सोचने पे मजबूर कर दिया है और यह दिखा दिया है की अब वह भी किसी टीम से काम नई है और उन्हें नकारा नही जा सकता | हालांकि भारत पिछले कई मुकाबलों से बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करता आ रहा है और टीमों को करारी शिकस्त देने में सफल दिखाई दिया | इसी तरह से खेलते हुए भारत को यह विश्व कप अपने नाम करना होगा और विरोधियों को परास्त करना पड़ेगा|
विश्व कप से पहले भारतीय टीम अपना अंतिम अभ्यास मैच आज साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेल रही है। इस मैच का आंखों देखा हाल लेकर मैं जय जायसवाल आपकी खिदमत में हाज़िर हूं। मैं आपको इस अभ्यास मैच से जुड़ी हर खबर हर अपडेट आपतक हिंदी में पहुंचाऊंगा। भारतीय टीम ने जीत के अपने सिलसिले को जारी रखते हुए पहले अभ्यास मैच में वेस्टइंडीज को करारी शिकस्त दी थी। भारतीय टीम 15 मार्च को न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप का अपना पहला मैच खेलेगी। ऐसे में भारतीय टीम इस अभ्यास मैच को हर हाल में जीतना चाहेगी। भारतीय बल्लेबाज और गेंदबाज अपनी रंग में हैं इसलिए भारतीय टीम का पलड़ा इस मैच में भारी रहेगा। हालांकि साउथ अफ्रीका को किसी भी स्थिति में हल्के में आंकने की गलती कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी किसी हाल में नहीं करेंगे। साउथ अफ्रीकन टीम ऑस्ट्रलिया के खिलाफ सीरीज हार कर जरूर आई है लेकिन इससे पहले वो भारत को टी 20 सीरीज में मात दे चुकी है। इसलिये दर्शकों को एक रोमांचक मुकाबला इस अभ्यास मैच में देखने को मिल सकता है।
शनिवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे अभ्यास मैच में भारतीय टीम को 3 रनों के बेहद मामूमी अंतर से हार का सामना करना पड़ा और इसके साथ ही टीम इंडिया के विजयी अभियान को तगड़ा झटका लग गया। साथ ही अब 15 मार्च से शुरू हो रहे टी20 विश्व कप में भारतीय टीम के मौकों पर भी अब प्रश्नचिन्ह लगने शुरू हो गए हैं। टीम इंडिया जो इस मैच के पहले टी20 विश्व कप 2016 की प्रबल दावेदार मानी जा रही थी अब दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड जैसी टीमों के खिलाफ उसके दावे कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि पिछले साल जब दक्षिण अफ्रीका टीम भारत आई थी तब भी भारतीय टीम को टी20 सीरीज में 2-0 से हार का सामना करना पड़ा था। वहीं न्यूजीलैंड के खिलाफ आज तक कभी भी टीम इंडिया टी20 मैचों में जीत नहीं दर्ज कर पाई है। ऐसे में कतई ऐसा मालूम नहीं होता कि टीम इंडिया के लिए विश्व कप टी20 की राह आसान होने वाली है। उल्लेखनीय है कि 2007 में टी20 विश्व कप विजेता टीम इंडिया को टूर्नामेंट में एकमात्र हार का सामना न्यूजीलैंड के खिलाफ ही करना पड़ा था।
खुल गई गेंदबाजी की पोल: भारतीय गेंदबाजी हमेशा ही हासिए पर रही है और अब एक बार फिर से भारतीय गेंदबाजी पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं। भारतीय टीम जिस जसप्रीत बुमराह को एक नई नवेली खोज के रूप में देख रही थी वे डी कॉक और जेपी डुमिनी के आगे बौने साबित हुए और अपने 4 ओवर के स्पैल में 51 रन दे बैठे। कहानी यहीं खत्म नहीं हुई जब दूसरे स्ट्राइकर गेंदबाज मोहम्मद शमी ने भी 4 ओवरों में 37 रन लुटा दिए। दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज जिस तरह से भारतीय गेंदबाजों को खेल रहे थे उससे यह देखने में कतई नहीं लग रहा था जैसे उन्हें कोई परेशानी हो रही हो। यही कारण रहा कि दक्षिण अफ्रीका टीम ने पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया और बड़ी कोशिशों के बावजूद भारतीय टीम मैच 3 रनों से हार गई।
हालांकि इसके दूसरे पक्ष को भी गिना जा सकता है। इस अभ्यास मैच में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने दो प्रमुख गेंदबाजों अश्विन और नेहरा को नहीं खिलाया था। अगर ये दोनों मजबूत दक्षिण अफ्रीका टीम के खिलाफ गेंदबाजी करते तो शायद भारतीय टीम कुछ कर पाती। खैर, विश्व कप टी20 के ठीक पहले इस हार ने भारतीय टीम की आंखें खोलने का काम किया है। जाहिर है कि अब वे किसी भी मैच को हल्के में नहीं लेना चाहेंगे। लेकिन साथ ही सवाल पैदा होता है कि अगर अश्विन या नेहरा बीच टूर्नामेंट में चोटिल हो जाते हैं तो उमकी जगह कौन लेगा?
शनिवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे अभ्यास मैच में भारतीय टीम को 3 रनों के बेहद मामूमी अंतर से हार का सामना करना पड़ा और इसके साथ ही टीम इंडिया के विजयी अभियान को तगड़ा झटका लग गया। साथ ही अब 15 मार्च से शुरू हो रहे टी20 विश्व कप में भारतीय टीम के मौकों पर भी अब प्रश्नचिन्ह लगने शुरू हो गए हैं। टीम इंडिया जो इस मैच के पहले टी20 विश्व कप 2016 की प्रबल दावेदार मानी जा रही थी अब दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड जैसी टीमों के खिलाफ उसके दावे कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि पिछले साल जब दक्षिण अफ्रीका टीम भारत आई थी तब भी भारतीय टीम को टी20 सीरीज में 2-0 से हार का सामना करना पड़ा था। वहीं न्यूजीलैंड के खिलाफ आज तक कभी भी टीम इंडिया टी20 मैचों में जीत नहीं दर्ज कर पाई है। ऐसे में कतई ऐसा मालूम नहीं होता कि टीम इंडिया के लिए विश्व कप टी20 की राह आसान होने वाली है। उल्लेखनीय है कि 2007 में टी20 विश्व कप विजेता टीम इंडिया को टूर्नामेंट में एकमात्र हार का सामना न्यूजीलैंड के खिलाफ ही करना पड़ा था।
खुल गई गेंदबाजी की पोल: भारतीय गेंदबाजी हमेशा ही हासिए पर रही है और अब एक बार फिर से भारतीय गेंदबाजी पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं। भारतीय टीम जिस जसप्रीत बुमराह को एक नई नवेली खोज के रूप में देख रही थी वे डी कॉक और जेपी डुमिनी के आगे बौने साबित हुए और अपने 4 ओवर के स्पैल में 51 रन दे बैठे। कहानी यहीं खत्म नहीं हुई जब दूसरे स्ट्राइकर गेंदबाज मोहम्मद शमी ने भी 4 ओवरों में 37 रन लुटा दिए। दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज जिस तरह से भारतीय गेंदबाजों को खेल रहे थे उससे यह देखने में कतई नहीं लग रहा था जैसे उन्हें कोई परेशानी हो रही हो। यही कारण रहा कि दक्षिण अफ्रीका टीम ने पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया और बड़ी कोशिशों के बावजूद भारतीय टीम मैच 3 रनों से हार गई।
हालांकि इसके दूसरे पक्ष को भी गिना जा सकता है। इस अभ्यास मैच में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने दो प्रमुख गेंदबाजों अश्विन और नेहरा को नहीं खिलाया था। अगर ये दोनों मजबूत दक्षिण अफ्रीका टीम के खिलाफ गेंदबाजी करते तो शायद भारतीय टीम कुछ कर पाती। खैर, विश्व कप टी20 के ठीक पहले इस हार ने भारतीय टीम की आंखें खोलने का काम किया है। जाहिर है कि अब वे किसी भी मैच को हल्के में नहीं लेना चाहेंगे। लेकिन साथ ही सवाल पैदा होता है कि अगर अश्विन या नेहरा बीच टूर्नामेंट में चोटिल हो जाते हैं तो उमकी जगह कौन लेगा?
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