Friday, 11 March 2016

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आर्ट ऑफ लिविंग के वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल में हुए सम्मिलित


नयी दिल्ली : भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी शुक्रवार को पहुंचे आर्ट ऑफ लिविंग के वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल में भारत देश की विशेषतायें बताते हुए कहा " भारत के पास विश्व को देने के लिए बहुत कुछ है, दुनिया मानवीय मूल्यों से जुड़ सकती ह"|  मोदी जी ने भारत की सांस्कृतिक विरासत पे भी गर्व करने का आग्रह किया | पीएम ने कहा कि यह कला और संस्कृति का कुंभ मेला है।

प्रधान मंत्री जी ने विभिन्न देशों से आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि ' आप सभी महानुभावों का मैं भारत की धरती पर स्वागत करता हूं। भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है, विश्व को देने के लिए इसके पास क्या कुछ नहीं है। दुनिया सिर्फ आर्थिक हितों से जुड़ी हुई नहीं है, दुनिया मानवीय मूल्यों से भी जुड़ सकती है, दुनिया को मानवीय मूल्यों से जोड़ा जाना चाहिए। भारत के पास सांस्कृतिक विरासत है और दुनिया को इस विरासत की तलाश है। दुनिया की इस जरूरत को हम पूरा कर सकते है लेकिन हम यह तभी कर सकते हैं जब हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व हो। यदि हम अपनी विरासत को कोसेंगे तो तो दुनिया हमारी तरफ क्यों देखेगी।'

आर्ट ऑफ़ लिविंग की प्रशंशा करते हुए अपनी मंगोलिया दौरे का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, 'वहां आर्ट ऑफ लिविंग के सदस्यों से मेरी मुलाकात हुई। वहां आर्ट ऑफ लिविंग के सदस्यों में मंगोलिया के नागरिक ज्यादा थे। उनके हाथों में तिरंगा था, यह सब प्रेरित करने वाला था।' उन्होंने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग ने दुनिया को जोड़ने में मदद की है।

मोदी ने कहा कि बाजार में तन को डुलाने वाले संगीत से भरा पड़ा है लेकिन मन को डुलाने वाला संगीत भारत के पास है। पीएम ने कहा कि भारत दुनिया को कला का उद्भुत भेंट दे सकता है। मोदी ने कहा, 'हम अहं ब्रह्मास्मि से शुरू करते हैं और 'वसुधैव कुटुंबकम' तक जाते हैं। यह आर्ट ऑफ लिविंग से संभव है।'

पीएम मोदी ने वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल आयोजित करने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर का धन्यवाद दिया। पीएम ने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग ने 35 साल में दुनिया भर को जीने की कला सिखाया है, दुनिया के लोगों को आपस में जोड़ा है, इसके लिए वह श्री श्री को बधाई देते हैं।
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