सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से सहारा की संपत्तियां बेचने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निवेशकों के पैसे न लौटाने वाले सहारा समूह से पैसे वसूलने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है.
सहारा प्रमुख सुब्रत राय 2 साल से भी ज़्यादा से जेल में बंद हैं. सहारा ने उनकी ज़मानत के लिए तय 10 हज़ार करोड़ रूपये भी जमा नहीं कराए हैं. सहारा को निवेशकों के 24 हज़ार करोड़ रूपये लौटाने थे. सेबी के मुताबिक ब्याज समेत ये रकम अब 40 हज़ार करोड़ रूपये से भी ज़्यादा हो चुकी है.
सहारा समूह लंबे अरसे तक ये दावा करता रहा कि वो अपनी संपत्ति बेच कर ज़मानत के पैसे जमा करा देगा. ऐसा न होने पर सख्त रवैया अपनाते हुए अब सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को सहारा की संपत्ति बेचने को कह दिया है. सुप्रीम कोर्ट में सेबी ने देश में सहारा की 86 संपत्तियों की लिस्ट दी है जिन्हें बेचा जा सकता है.
सेबी ने सुनवाई के दौरान कहा कि इन संपत्तियों की जगह अगर एंबी वैली को बेचा जाए तो निवेशकों के पूरे पैसे वसूल हो जाएंगे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूंकि सहारा एंबी वैली नहीं बेचना चाहता, इसलिए सेबी उसे न बेचे. दूसरी संपत्तियों को बेच कर पैसे वसूले जाएं.
अदालत के आदेश के मुताबिक संपत्तियों की बिक्री की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बी एन अग्रवाल करेंगे. सेबी बिक्री के काम में किसी एजेंसी की मदद लेने के लिए स्वतंत्र होगा. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ़ कर दिया है कि किसी भी संपत्ति की बिक्री उसके सर्कल एरिया रेट के 90 फीसदी से कम पर नहीं होगी.
अदालत में आज उस वक़्त माहौल बेहद गर्म हो गया जब सहारा के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिलता जहां किसी को अदालत की अवमानना बिना उसका पक्ष सुने इतने लंबे समय के लिए जेल में बंद रखा गया हो. इस पर चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर ने कहा – सिब्बल साहब आप हमें कानून मत सिखाइए. दुनिया में ऐसा भी उदाहरण नहीं मिलता जब एक समूह 1 लाख 83 हज़ार करोड़ रूपये की संपत्ति होने का दावा करे और अपने मुखिया की रिहाई के लिए 10 हज़ार करोड़ रूपये न दे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सेबी के पास 10 हज़ार करोड़ रुपए जमा होने के बाद सुब्रत राय को ज़मानत दे दी जाएगी. लेकिन इसके बाद भी संपत्तियों की बिक्री जारी रहेगी. सहारा ने आज दावा किया कि उसने सेबी को 40 हज़ार करोड़ रुपए तक की संपत्ति की लिस्ट दी है. लेकिन सेबी ने कहा कि उसे जिन 86 संपत्तियों की लिस्ट मिली है उनकी कीमत 15 से 20 हज़ार करोड़ रूपये है. सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को दोबारा सेबी को लिस्ट सौंपने को कहा है. यानी साफ़ है कि अब निवेशकों के पूरे पैसे वसूल होने तक सहारा की संपत्तियों की बिक्री जारी रहेगी.
सहारा समूह ने अपनी 2 कंपनियों के ज़रिये अवैध तरीके से बांड बेच कर निवेशकों से 20 हज़ार करोड़ रूपये से ज़्यादा रकम ली थी. सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में सहारा को निवेशकों के पैसे ब्याज समेत सेबी के पास जमा कराने को कहा था. सहारा की तरफ से आदेश का पालन न होने को अपनी अवमानना मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च 2014 को सहारा प्रमुख सुब्रत राय को जेल भेज दिया था.
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