पंजाब के पठानकोट में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए पाकिस्तान से भारत आई जांच टीम आज पठानकोट जा रही है . इस वक्त पाकिस्तान की जांच टीम अमृतसर से पठानकोट सड़क के रास्ते से जा रही है . इस पाकिस्तानी जांच दल में ISI के अधिकारी तनवीर अहमद भी शामिल हैं. वही आईएसआई जिस पर भारत में आतंकवाद को बढ़ाने का आरोप लगता रहा है .
वही आईएसआई जिसके हाथ भारत के बेगुनाह लोगों के खून से सने हुए हुए . आईएसआई अधिकारी के जांच टीन में शामिल होने का विरोध बढ़ता जा रहा है . कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तो पठानकोट की सड़कों पर उतरकर विरोध कर रही है . सरकार की सहयोगी शिवसेना ने भी खुलकर आईएसआई अधिकारी के भारत आने का विरोध किया है .
पठानकोट हमले की जांच के लिए इस समय पाकिस्तानी ज्वाइंट इन्वेस्टिगेशन टीम भारत में मौजूद है. कल दिल्ली में पाक की इस जांच टीम को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA ने हमले से जुड़े कई अहम सबूत दिए और NIA की तरफ से दिए गए करीब डेढ़ घंटे के प्रेजेंटेशन में ये साफ किया गया कि पठानकोट हमले के लिए सीधे तौर पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद जिम्मेदार है. पाकिस्तानी जांच टीम में मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारियों के अलावा वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के अफसर भी शामिल हैं और इसी बात पर कांग्रेस सवाल उठा रही है.
कांग्रेस ये भी पूछ रही है कि इस बात की क्या गारंटी है कि पाकिस्तान जांच दल यहां से जो सबूत ले जाएगा उसके आधार पर अपने यहां मौजूद आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी पाक जांच टीम को सवालों की नजर से देख रहे हैं, साथ ही पीएम मोदी को भी वो अपने निशाने पर लेने से नहीं चूके.
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के इन हमलों का बीजेपी ने भी जवाब दिया. बीजेपी ने कहा कि पाकिस्तानी जांच दल को लेकर जो सवाल उठाए जा रहे हैं वो बेवजह हैं.
इस राजनीतिक गहमागहमी के बीच रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने साफ किया कि पाकिस्तान जांच दल को पठानकोट एयरबेस के टेक्निकल एरिया में नहीं जाने दिया जाएगा, बल्कि टीम को एयरबेस के सिर्फ उसी हिस्से में जाने की इजाजत होगी जहां मुठभेड़ हुई थी.
पठानकोट में क्या हुआ था?
पठानकोट एयरबेस पर इसी साल 2 जनवरी को छह आतंकवादियों ने हमला किया था. रात के अंधेरे में ये आतंकवादी हथियारों के साथ एयरबेस के अंदर दाखिल हो गए और फिर फायरिंग शुरू कर दी थी. करीब 3 दिनों तक आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ चलती रही जिसमें सभी आतंकवादी मारे गए थे. आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए 1 एनएसजी कमांडो समेत 7 सुरक्षाकर्मी भी शहीद हो गए थे. मारे गए आतंकवादियों के पास से कई ऐसे सामान मिले थे जिनसे ये साबित हुआ कि वो पाकिस्तान से आए थे.
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